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      शुभ दीपावली! ✨
      रात अमावस की भी मुस्काई,
      जगमग हर इक चौखट छाई।
      दीप जले तो मन में आशा,
      हर अंधियारा हार से घबराई।

      मिट्टी का छोटा सा दीपक,
      लेता संग में सौ उजियारे,
      सीख हमें ये देता प्यारी—
      छोटा भी कर दे जग सारे।

      मन के कोनों में जो धूल जमी,
      आज उसे भी साफ करें,
      ईर्ष्या, द्वेष, अंधकार सब—
      दीपक संग विलीन करें।

      लक्ष्मी जी के चरण पधारे,
      घर-आँगन में शुद्ध विचार,
      श्री गणेश का नाम जो लेंगे,
      सफल होगा हर एक उद्गार।

      दीप जलाएँ प्रेम के अपने,
      सौहार्द, करुणा, सत्य के,
      यही है असली दीपावली,
      अंधकार मिटे जो हृदय के।


      – डॉ. रूपाली और परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ 🌸

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